अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के बीच दशकों पुराना Five Eyes इंटेलिजेंस-शेयरिंग नेटवर्क अब विवादों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके शीर्ष सलाहकार पीटर नवारो ने कनाडा को इस नेटवर्क से हटाने का सुझाव दिया है। यह कदम अमेरिका-कनाडा संबंधों में तनाव को और बढ़ा सकता है और वैश्विक सुरक्षा संरचना पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

Five Eyes एलायंस क्या है?
Five Eyes एलायंस अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच एक खुफिया साझेदारी है। यह गठबंधन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा जर्मन कोड तोड़ने की साझा कोशिशों से विकसित हुआ था। 1956 में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड को भी इस नेटवर्क में शामिल किया गया।
Five Eyes का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करना और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का मिलकर सामना करना है। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया में स्थित CIA-नेतृत्व वाला पाइन गैप उपग्रह केंद्र चीन पर खुफिया जानकारी जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कनाडा को निष्कासित करने की योजना
पीटर नवारो, जो राष्ट्रपति ट्रंप के करीबी माने जाते हैं, ने अमेरिका के भीतर इस विचार को आगे बढ़ाया है कि कनाडा को Five Eyes एलायंस से बाहर कर दिया जाए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह से समर्थन दिया है या नहीं, लेकिन यह चर्चा व्हाइट हाउस में सक्रिय रूप से जारी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन कनाडा पर और अधिक दबाव बनाने के लिए इस रणनीति को अपनाने की कोशिश कर रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि ट्रंप ने कनाडा पर अमेरिका में गैरकानूनी आप्रवास और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
क्या ट्रंप वाकई कनाडा को 51वां राज्य बनाना चाहते हैं?
हाल ही में, ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की इच्छा व्यक्त की थी। एक सार्वजनिक बयान में उन्होंने कहा कि कनाडा व्यापार और रक्षा पर अमेरिका पर अत्यधिक निर्भर है। उन्होंने दावा किया कि यदि कनाडा अमेरिका का हिस्सा बनता है तो करों में कटौती होगी और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
ट्रंप का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, मार्च और अप्रैल में अमेरिका कनाडा पर नई व्यापारिक नीतियां लागू कर सकता है, जिससे दोनों देशों के संबंध और बिगड़ सकते हैं।
Five Eyes से कनाडा के निष्कासन के प्रभाव
1. राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर
Five Eyes एलायंस विश्व में सबसे प्रभावी खुफिया साझेदारी मानी जाती है। इसमें बदलाव करना अमेरिका सहित अन्य सहयोगी देशों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
2. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के अधिकारियों ने कहा है कि वे कनाडा को एलायंस से हटाने के पक्ष में नहीं हैं। यदि ऐसा होता है, तो यह अमेरिका के सहयोगियों के बीच अविश्वास पैदा कर सकता है।
3. चीन और रूस को लाभ
यदि अमेरिका Five Eyes में बदलाव करता है, तो इससे रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों को फायदा हो सकता है। ये देश पहले से ही पश्चिमी खुफिया साझेदारियों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
4. कनाडा-अमेरिका संबंधों में तनाव
इस तरह का कदम कनाडा-अमेरिका संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पहले ही कह चुके हैं कि ट्रंप का कनाडा को अमेरिकी राज्य बनाने का विचार “वास्तविक खतरा” है।
विशेषज्ञों की राय
पूर्व CIA अधिकारी डेनिस वाइल्डर के अनुसार, “Five Eyes अब तक का सबसे सफल खुफिया साझेदारी नेटवर्क है। यदि इसे बदला जाता है, तो इसका स्वागत अमेरिका के दुश्मन देशों द्वारा किया जाएगा।”
कनाडा की सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) के पूर्व विश्लेषक फिल गुरस्की ने सवाल किया, “अगर Five Eyes एलायंस अच्छी तरह से काम कर रहा है, तो कनाडा को सजा क्यों दी जा रही है? यह बस एक और व्हाइट हाउस रणनीति है कनाडा पर दबाव बनाने के लिए।”

निष्कर्ष
Five Eyes एलायंस से कनाडा को हटाने का विचार अमेरिका और कनाडा के संबंधों में दरार पैदा कर सकता है। यह कदम केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि वैश्विक सुरक्षा संरचना को भी कमजोर कर सकता है। अमेरिका के अन्य सहयोगी देश भी इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर रहे हैं, जिससे यह संभावना कम हो जाती है कि इसे लागू किया जाएगा। हालांकि, ट्रंप प्रशासन के इस कदम के पीछे क्या रणनीति है और यह कैसे आगे बढ़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।