Karan Johar’s Big Statement 2025: ‘अगर फिल्म में Conviction है तो Logic की जरूरत नहीं!’ – राजामौली, संदीप रेड्डी वंगा और अनिल शर्मा का दिया उदाहरण

करण जौहर भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली नामों में से एक हैं। उनकी फिल्में न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती हैं, बल्कि दर्शकों के दिलों पर भी राज करती हैं। हाल ही में करण जौहर ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि किसी फिल्म में Conviction है, तो ‘Logic’ मायने नहीं रखता। उनके अनुसार, अगर फिल्म निर्माता अपनी कहानी, किरदारों और दुनिया पर पूरी तरह विश्वास रखते हैं, तो दर्शक भी उसी भावना के साथ जुड़ जाते हैं।

करण जौहर ने दिया SS राजामौली का उदाहरण

करण जौहर ने इस विचार को समझाने के लिए SS राजामौली का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि राजामौली की फिल्मों में पारंपरिक तर्क का अभाव हो सकता है, लेकिन उनकी कहानियों में ऐसा गहरा विश्वास होता है कि दर्शक हर चीज़ को सच मान लेते हैं। उनकी ‘Baahubali’ और ‘RRR’ जैसी फिल्मों में कई ऐसे दृश्य हैं, जो वास्तविकता से परे लगते हैं, लेकिन फिर भी दर्शक उन्हें स्वीकार करते हैं क्योंकि निर्देशक की Conviction इतनी मजबूत होती है।

‘Animal’, ‘Gadar’ और ‘RRR’ जैसी फिल्मों में Conviction

करण जौहर ने कहा कि जिन फिल्मों में निर्माता और निर्देशक को अपनी कहानी पर 100% विश्वास होता है, वे अक्सर ब्लॉकबस्टर साबित होती हैं। उन्होंने संदीप रेड्डी वंगा की फिल्म ‘Animal’, अनिल शर्मा की ‘Gadar’ और राजामौली की ‘RRR’ का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी फिल्में तर्क से अधिक Conviction पर आधारित हैं।

“अगर कोई व्यक्ति एक हाथ से 1,000 लोगों को पीट सकता है, तो यह केवल Conviction का प्रभाव है। अनिल शर्मा को विश्वास था कि सनी देओल ऐसा कर सकते हैं, और दर्शकों ने भी इसे सच मान लिया। यही कारण है कि ‘Gadar’ और ‘Gadar 2’ जैसी फिल्में सफल हुईं,” – करण जौहर।

क्या फिल्मों में लॉजिक जरूरी नहीं?

करण जौहर के इस बयान के बाद यह सवाल उठता है कि क्या फिल्मों में लॉजिक की जरूरत नहीं होती? इस पर उन्होंने कहा कि अगर फिल्म निर्माता अपनी कहानी पर पूरा विश्वास रखते हैं, तो लॉजिक मायने नहीं रखता।

उन्होंने कहा कि जब फिल्म निर्माता अपनी कहानी पर पूरा यकीन रखते हैं और उसे दिल से बनाते हैं, तो दर्शक भी उसी भावना से जुड़ जाते हैं। यह दर्शकों की भावनाओं और विश्वास को छूने की कला है, जिसे हर सफल निर्देशक समझता है।

Conviction को अपनाने की जरूरत

करण जौहर ने यह भी कहा कि हर फिल्म निर्माता को इस गुण को अपनाने की जरूरत है।

“अक्सर फिल्म निर्माता खुद पर संदेह करने लगते हैं, दर्शकों को समझने में गलती कर देते हैं, और ज्यादा लॉजिक पर ध्यान देने लगते हैं। यह उनकी सफलता में बाधा डालता है।”

उनका मानना है कि अगर हर फिल्म निर्माता Conviction के साथ फिल्म बनाए, तो उनकी फिल्में निश्चित रूप से सफल होंगी। उन्होंने कहा कि ‘जो कुछ भी आप दिखाना चाहते हैं, पहले उस पर खुद विश्वास करें, तभी दर्शक भी उसे सच मानेंगे।’

निष्कर्ष

करण जौहर का यह बयान बॉलीवुड और फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। फिल्में सिर्फ तर्क पर नहीं चलतीं, बल्कि भावनाओं और विश्वास पर भी निर्भर करती हैं। अगर निर्देशक और निर्माता अपनी कहानी पर पूरा भरोसा रखते हैं, तो वह फिल्म दर्शकों के दिलों में जगह बना लेती है। SS राजामौली, संदीप रेड्डी वंगा और अनिल शर्मा जैसी हस्तियों ने इसे साबित किया है।

Disclaimer

यह लेख करण जौहर के हालिया इंटरव्यू के आधार पर लिखा गया है। इसमें दिए गए विचार उनके स्वयं के हैं। पाठकों को इसे एक फिल्मी दृष्टिकोण से देखने की सलाह दी जाती है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. करण जौहर ने सिनेमा में लॉजिक को लेकर क्या कहा?


करण जौहर ने कहा कि यदि फिल्म निर्माता के पास अपनी कहानी, किरदार और दुनिया को लेकर पूरा विश्वास (conviction) हो, तो सिनेमा में लॉजिक मायने नहीं रखता।

2. करण जौहर ने किन निर्देशकों की फिल्मों को उदाहरण के रूप में लिया?


उन्होंने एस.एस. राजामौली, संदीप रेड्डी वांगा और अनिल शर्मा की फिल्मों का जिक्र किया, जो पूरी तरह से आत्मविश्वास और गहरी सोच पर आधारित हैं।

3. एस.एस. राजामौली की कौन-सी फिल्में करण जौहर के तर्क को साबित करती हैं?


करण जौहर ने RRR जैसी फिल्मों का उदाहरण दिया, जिसमें लॉजिक से ज्यादा निर्देशक का आत्मविश्वास दर्शकों को कहानी पर विश्वास दिलाता है।

4. ‘गदर 2’ का उदाहरण क्यों दिया गया?


करण जौहर ने बताया कि गदर 2 में एक सीन में सनी देओल सिर्फ एक छूने से दुश्मनों को गिरा देते हैं, और यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि निर्देशक अनिल शर्मा को पूरा यकीन था कि यह सीन प्रभावशाली होगा।

5. क्या लॉजिक के बिना फिल्में सफल हो सकती हैं?


करण जौहर के अनुसार, हां! अगर कहानी और प्रस्तुतिकरण में गहरा आत्मविश्वास है, तो लॉजिक की कमी के बावजूद दर्शक फिल्म को पसंद करेंगे।

6. करण जौहर का मानना है कि एक सफल फिल्म के लिए सबसे जरूरी चीज क्या है?


उनका मानना है कि किसी भी फिल्म को सफल बनाने के लिए निर्देशक और लेखक को अपनी कहानी पर पूरा भरोसा होना चाहिए।

7. क्या सभी फिल्मों के लिए लॉजिक जरूरी नहीं होता?


नहीं, करण जौहर ने कहा कि कुछ फिल्मों में लॉजिक मायने रखता है, लेकिन बड़ी और ब्लॉकबस्टर फिल्मों में दर्शकों को कहानी पर यकीन दिलाने के लिए आत्मविश्वास ही सबसे ज्यादा जरूरी होता है।

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