Sadhguru news: सुप्रीम कोर्ट ने सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन को दी बड़ी राहत, बंधक विवाद में हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश

Sadhguru news : प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में आग की घटना ने सभी को चौकाने वाली स्थिति में डाल दिया है। इस घटनाक्रम पर अब विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने अपनी गहरी चिंता जाहिर की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से उन्होंने आगजनी और भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए सभी पक्षों को सतर्कता और जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।

सद्गुरु ने कहा, “जब इतनी बड़ी संख्या में लोग एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं, तो लापरवाही और अति उत्साह के कारण आग लगने और भगदड़ मचने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। यह सभी संबंधित पक्षों, वहां उपस्थित भक्तों, अखाड़ों और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं न हों और 144 वर्षों में एक बार होने वाले इस महत्वपूर्ण आयोजन को खराब न करें।”

सद्गुरु ने महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व पर भी बल दिया, “महाकुंभ लाखों मनुष्यों के आध्यात्मिक विकास का केंद्र बिंदु बनें, न कि एक भयावह स्थान। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि यह आयोजन पूरी दुनिया के लिए एक सकारात्मक संदेश दे, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता में किसी प्रकार का विघ्न न आए।”

सद्गुरु की अपील ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और अखाड़ों से आग्रह किया कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और किसी प्रकार की लापरवाही से बचें। साथ ही, प्रशासन से यह भी अपेक्षा की कि वह ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करें।

Sadhguru news : महाकुंभ की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्ता

महाकुंभ मेला, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अभिन्न हिस्सा है। यह मेला विशेष रूप से हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें करोड़ों लोग पवित्र गंगा, यमुन, और सरस्वती के संगम स्थल पर स्नान करने आते हैं। महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जाता है, और यहां देश भर से श्रद्धालु आते हैं।

सद्गुरु ने महाकुंभ के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह आयोजन एक ऐतिहासिक अवसर है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक उदाहरण बने। उन्होंने यह भी कहा कि हमें इस अवसर का उपयोग आत्मिक उन्नति के लिए करना चाहिए और इस मेले को एक सुरक्षित और सम्मानजनक स्थान बनाए रखना चाहिए।

Sadhguru news : सद्गुरु का फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर बयान

इसके अलावा, सद्गुरु ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर कंगना की फिल्म की सराहना की। सद्गुरु ने कहा, “कंगना ने हमारे इतिहास की जटिल परिस्थितियों को बखूबी बयां किया है। यह फिल्म एक बेहतरीन उदाहरण है, जो इतिहास के एक महत्वपूर्ण दौर को दर्शाती है।”

उन्होंने फिल्म को युवाओं के लिए एक बेहतरीन शिक्षा और मनोरंजन का माध्यम बताया। साथ ही, यह भी कहा कि ‘इमरजेंसी’ फिल्म भारतीय इतिहास पर एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली पाठ की तरह है, जिसे हर युवा को देखना चाहिए।

कंगना रनौत ने सद्गुरु के इस बयान को अपने इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए खुशी जताई और उन्हें धन्यवाद कहा। कंगना ने लिखा, “इससे बड़ी तारीफ या प्रोत्साहन और क्या हो सकता है। मेरा दिल प्यार और कृतज्ञता से भर गया है।”

Sadhguru news :ईशा फाउंडेशन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सद्गुरु के नेतृत्व में कार्यरत ईशा फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो दुनिया भर में योग, शिक्षा और पर्यावरण के लिए काम करता है। इस फाउंडेशन के खिलाफ एक मामला सुप्रीम कोर्ट में आया था, जिसमें आरोप था कि दो महिलाओं को जबरन संन्यासी बनने पर मजबूर किया गया था। महिलाओं के पिता ने मद्रास हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में महिला द्वारा दी गई जानकारी के बाद इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने महिलाओं से बात की और पाया कि वे अपनी इच्छा से ईशा फाउंडेशन में रह रही हैं। इसके बाद, अदालत ने मामले को बंद कर दिया और फाउंडेशन को राहत दी। यह फैसला सद्गुरु के पक्ष में गया, जिन्होंने हमेशा अपनी कार्यशैली को पारदर्शी और समुदाय सेवा के रूप में प्रस्तुत किया है।

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बंधक विवाद में हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश

Sadhguru news :ईशा फाउंडेशन का कार्यक्षेत्र

ईशा फाउंडेशन का मुख्यालय कोयंबटूर, तमिलनाडु में स्थित है, और इस फाउंडेशन का उद्देश्य लोगों को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक कल्याण के लिए मार्गदर्शन देना है। फाउंडेशन के द्वारा आयोजित योग कार्यक्रम और अन्य सामाजिक परियोजनाएं वैश्विक समुदाय के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योगदान करती हैं।

फाउंडेशन का प्रमुख कार्यक्रम ‘आयंगार योग’ और ‘कोर्स इन इन्नर इंजीनियरिंग’ है, जो लाखों लोगों को जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके अलावा, पर्यावरणीय सुरक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में भी फाउंडेशन द्वारा कई परियोजनाएं चलाई जाती हैं, जैसे ‘नेत्रदान’ और ‘ध्यान शाला’।

सद्गुरु के नेतृत्व में, ईशा फाउंडेशन ने दुनिया भर में 300 से अधिक केंद्र स्थापित किए हैं, और इन केंद्रों में 70 लाख से अधिक स्वयंसेवक काम करते हैं। यह फाउंडेशन अपने योग और ध्यान कार्यक्रमों के जरिए समाज में शांति और समृद्धि का संदेश फैलाता है।

निष्कर्ष

महाकुंभ आग हादसे पर सद्गुरु का बयान और उनकी अपील सुरक्षा और जिम्मेदारी की महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर करती है। उनका यह संदेश सभी को यह याद दिलाता है कि जब हम मिलकर किसी बड़े आयोजन में हिस्सा लेते हैं, तो हमें सुरक्षित और जिम्मेदार रहकर समाज और संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए। वहीं, ‘इमरजेंसी’ फिल्म पर सद्गुरु का विचार और ईशा फाउंडेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला, दोनों ही घटनाएं इस बात को साबित करती हैं कि सद्गुरु न केवल एक महान गुरु हैं, बल्कि समाज और इतिहास के प्रति अपनी गहरी समझ और चिंतन के लिए भी जाने जाते हैं।

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